Benefits of Yoga : मुद्राओं का प्रचलन वेदकाल से संसार में चला आ रहा है. इस संसार में हमारे जीवन की बहुत सी समस्याओं का निराकरण ऋषि मुनियों द्वारा मुद्राओं की माध्यम से किया गया है. यह मुद्रा हमें किसी भी संकट से निकलने में मदद करती है. वेदकाल के समय ना लोगों के पास सुविधा थी और ना ही संसाधन. उस समय अपनी इच्छापूर्ति के लिये ऋषियों ने आमजन के लिये मुद्राज्ञान दिया. इससे लोगों की अनेकों समस्याओं का समाधान हुआ. आज हम देवी की त्रिखंड मुद्रा का दैनिक जीवन में इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं इस पर चर्चा करेंगे.
त्रिखंड मुद्रा : त्रिखंड मुद्रा देवी नित्य सुंदरी की 10 मुद्राओं में से एक प्रमुख मुद्रा है. इस मुद्रा का वर्णन वामकेश्वरतंत्र में किया गया है. यह बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्रा है इस पूजा के दौरान प्रयोग किया जाता है. यह मुद्रा देवी के तीन खंड का प्रतिनिधित्व करती है जो ज्ञान और शक्ति एवं इच्छा में वृद्धि करते हैं. इस मुद्रा का वर्णन वामकेश्वरतंत्र के तीसरे अध्याय में किया गया है.
कैसे करें त्रिखंड मुद्रा : त्रिखंड मुद्रा के लिए आपको सबसे पहले अपने दोनों हाथों को मिलाकर उंगलियों को अपने अंगूठे से जोड़ना होगा. इसके बाद अपनी उंगलियों को एक साथ सिकोड़ना होगा. इसके पश्चात अपनी उंगलियों को त्रिकोण के आकार में बनाकर देवी के समक्ष प्रार्थना करनी चाहिए. यह मुद्रा व्यक्ति के प्रत्येक उद्देश्य को पूरा करती है.
त्रिखंड मुद्रा के लाभ : त्रिखंड मुद्रा करने से व्यक्ति की बुद्धि में वृद्धि होती है क्योंकि इसका एक खंड देवी के ज्ञान खंड का प्रतिनिधित्व करता है. यह मुद्रा व्यक्ति के अंदर साहस को बढ़ाती है इसका दूसरा खंड देवी के शक्तिखंड का प्रतिनिधि है. इस मुद्रा को करने से व्यक्ति की व्यवहारिकता में वृद्धि होती है और इच्छाओं की पूर्ति होती है इसका तीसरा खंड देवी के इच्छा खंड का प्रतिनिधि है.
मानसिक शांति मिलती है : इस तनावपूर्ण दैनिक जीवन में व्यक्ति को इस मुद्रा के द्वारा मानसिक शांति और जीवन में स्थिरता मिलती है.यह मुद्रा जीवन के तीनों करो में संतुलन बनाने में कार्य करती है.इस मुद्रा को दैनिक रूप से कम से कम 5 मिनट अवश्य करना चाहिए.